जंगल की वनस्पतियों पर शोध ग्रंथ


मैने श्री प्रवीण चन्द्र दुबे से उनके शोध कार्यों पर लिखी उनकी पुस्तकों पर जिज्ञासा जताई थी। कुछ दिनों बाद मुझे एक अनजान नम्बर से फोन आया। बोटानिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के सेण्ट्रल रीजनल सेण्टर, इलाहाबाद से श्री अर्जुन तिवारी फोन पर थे। उन्होने बताया कि कुछ समय बाद वे अपने विन्ध्य की वनस्पतियों परContinue reading “जंगल की वनस्पतियों पर शोध ग्रंथ”

मुर्दहिया


बहुत पहले – बचपन की याद है। गांव सुकुलपुर। एक ओर किनारे पर चमरौटी और पसियान। तीन=चार साल का मैं और वहां से गुजरते हुये अपने से एक बड़े की उंगली थामे। मन में कौतूहल पर बड़े मुझे लगभग घसीटते हुये तेज कदमों से वहां से ले आये। कुछ इस अन्दाज में कि अगर वहांContinue reading “मुर्दहिया”

कउड़ा


आज तीसरा दिन था, घाम नहीं निकला। शुक्रवार को पूरे दिन कोहरा छाया रहा। शीत। शनीचर के दिन कोहरा तो नहीं था, पर हवा चल रही थी और पल पल में दिशा बदल रही थी। स्नान मुल्तवी कर दिया एक दिन और फ़ेसबुक पर लिखा – और भी गम हैं जमाने में नहाने के सिवा।Continue reading “कउड़ा”

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