सातवीं कक्षा की किताबें


मेरी पोती पद्मजा सातवीं कक्षा में है। उसकी किताबें 6000रुपये की मैने खरीदीं। उसे वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग के जरीये पढ़ाने के लिये। उसके अलावा एनसीईआरटी की सभी किताबों का सेट करीब 600रुपये में अमेजन पर भी खरीदा। ये दोनो सेट की पुस्तकें अंगरेजी में हैं – सिवाय हिंदी और संस्कृत भाषा विषयों के। यह अलग बातContinue reading “सातवीं कक्षा की किताबें”

आत्मनिर्भरता का सिकुड़ता दायरा


अब हताशा ऐसी है कि लगता है आत्मनिर्भरता भारत के स्तर पर नहीं, राज्य या समाज के स्तर पर भी नहीं; विशुद्ध व्यक्तिगत स्तर पर होनी चाहिये। “सम्मानजनक रूप से जीना (या मरना)” के लिये अब व्यक्तिगत स्तर पर ही प्रयास करने चाहियें।

कुछ बच्चों के पुराने चित्र


कुल मिला कर लड़कियों की जिंदगी ढर्रे पर चल निकली है। वे घर संभालने लगी हैं। खेतों में कटाई के काम में जाने लगी हैं। लड़के अभी बगड्डा घूम रहे हैं, पर कुछ ही साल बाद मजदूरी, बेलदारी, मिस्त्रियाना काम में लग जायेंगे।

Design a site like this with WordPress.com
Get started