फोन पर ही सूर्यमणि जी ने कहा था कि बहुत अकेलापन महसूस होता है। यह भी मुझे समझ नहीं आता था। अरबपति व्यक्ति, जो अपने एम्पायर के शीर्ष पर हो, जिसे कर्मचारी, व्यवसाय, समाज और कुटुम्ब के लोग घेरे रहते हों, वह अकेलापन कैसे महसूस कर सकता है?
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
फोन पर ही सूर्यमणि जी ने कहा था कि बहुत अकेलापन महसूस होता है। यह भी मुझे समझ नहीं आता था। अरबपति व्यक्ति, जो अपने एम्पायर के शीर्ष पर हो, जिसे कर्मचारी, व्यवसाय, समाज और कुटुम्ब के लोग घेरे रहते हों, वह अकेलापन कैसे महसूस कर सकता है?