महुआ, हिंगुआ और गड़ौली धाम


हिंगुआ का चित्र लेने के लिये मैं घुटनों के बल जमीन पर बैठता हूं। मोबाइल को गिरने से बचाते हुये कठिनाई से चित्र ले पाता हूं। उम्र बढ़ रही है जीडी।
हिंगुआ का चित्र लेने के लिये झुकना – ज्यादा समय नहीं कर पाओगे!

गड़ौली धाम: 80+ के रोज गंगा नहाने वाले लोग आये


जब यहां गड़ौलीधाम में महादेव की प्राण प्रतिष्ठा हो गयी है तो गंगा किनारे थोड़ा व्यवस्थित घाट बना कर वहां इन सज्जनों जैसी विभूतियों को अपने यहां नित्य आने के लिये आकर्षित करना चाहिये। धाम उन्ही जैसों से जीवंत होगा!

अ-निमंत्रित


संक्रांति पर समारोह में गुड़ का लड्डू रखा गया है ट्रे में। निमंत्रित लोग खा रहे हैं। एक सहृदय वालेण्टियर उसे भी एक लड्डू दे देता है। एक हाथ में लड्डू ले कर वह तुरंत दूसरा आगे करता है – “एक ठे अऊर दई द। हमार बूढा बा संघे (एक और देदो, मेरी पत्नी भी साथ में है)।”

Design a site like this with WordPress.com
Get started