मेरे व्यक्तित्व में कुछ है जिसे किसी बैरियर पर चेक किया जाना अच्छा नहीं लगता। रेलवे का आदमी हूं और कभी न कभी टिकेट चेकर्स मेरे कर्मचारी हुआ करते थे। पर खुद मुझे टिकेट चेक कराना बहुत खराब लगता है।
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साइकिल सैर की एक दोपहर – विचित्र अनुभव
वे दम्पति भारत के उस पक्ष को दिखाते हैं जो जाहिल-काहिल-नीच-संकुचित है। भारत अगर प्रगति नहीं करता तो ऐसे लोगों के कारण ही।
गंगा आरती @ गौगंगागौरीशंकर
पास में ही शमी का वह वृक्ष है, जिसे कल मेरी पत्नीजी और मैंने अपने घर से लाये दियों को सजाने के लिये चुना था। शमी में एक कोटर है। उसमें आरपार दिखता है। उस कोटर में भी एक दिया रखा था। आज सवेरे देखा तो सभी दिये वहां जस के तस थे।
