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Category Archives: महराजगंज
माणिक सेठ कहते हैं जिंदगी गोलों में बंध गयी है
“अब बस यही गोले हैं, और गोलों में खड़े ग्राहक। जिंदगी गोलों में बंध गयी है। पता नहीं कितने दिन चलेगा। शायद लम्बा ही चलेगा!” – माणिक कहते हैं।
चाय की दुकान वाले दम्पति
दम्पति हर बात में ईश्वर को याद करते और परम सत्ता की नियामत की कृतज्ञता व्यक्त करते दिखे। मैने आमदनी के बारे में पूछा तो जवाब वही मिला – भगवान की कृपा है। सब ठीक से चल जाता है।
