द मिलियनेयर नेक्स्ट डोर – पास के गांव वाले सूर्यमणि तिवारी जी


इकहत्तर साल से अधिक उम्र के व्यवसायी, तथाकथित वानप्रस्थ की उम्र में, जिस प्रकार स्टेट ऑफ टेक्नॉलजी और मार्केट पर अपने विचार रख रहे थे, वह सुन कर अपने रिटायरमेन्ट पर मुझे संकोच होने लगा.

सूर्य मणि तिवारी जी का सूर्या ट्रॉमा सेंटर और अस्पताल – एक अवलोकन


अस्पताल से कमाना तो सूर्य मणि जी का मोटिव हो ही नहीं सकता. पूर्वांचल के इस इलाके में लोगों की वैसी पे करने की केपेसिटी ही नहीं है.

राजेंद्र का बेल फल तोड़ने का खोंचा


उसने बिना चोटिल किए छोटे बड़े कुल सवा सौ बेल तोड़े। उसमें से उसे करीब चालीस मिले मेहनताना के रूप में। इस तरह 4-5 घंटे की मेहनत में राजेंद्र ने 1000 रुपये कमाए। बढ़िया ही कहा जाएगा यह उद्यम!

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