अतिवृष्टि और गांव की क्राइसिस


गांव में आधा दर्जन लोग प्रधानी का चुनाव लड़ने का ताल ठोंक रहे हैं. पर इस क्राइसिस के अवसर पर उनकी आवाज सुनने में नहीं आती.

मोकालू गुरू का चपन्त चलऊआ- पोस्ट पर री विजिट


भूत प्रेत, चुड़ैल, ओझा, सोखा का स्पेस गांव के जीवन में, मोबाइल और स्मार्ट फोन के युग में अभी भी है और उनका महत्व कम नहीं हुआ है.

द मिलियनेयर नेक्स्ट डोर – पास के गांव वाले सूर्यमणि तिवारी जी


इकहत्तर साल से अधिक उम्र के व्यवसायी, तथाकथित वानप्रस्थ की उम्र में, जिस प्रकार स्टेट ऑफ टेक्नॉलजी और मार्केट पर अपने विचार रख रहे थे, वह सुन कर अपने रिटायरमेन्ट पर मुझे संकोच होने लगा.

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