गड़रिया हैं मिश्री पाल। यहीं पास के गांव पटखौली के हैं। करीब डेढ़ सौ भेड़ें हैं उनके पास। परिवार के तीन लोग दिन भर चराते हैं उनको आसपास। मुझे मिले कटका रेलवे स्टेशन की पटरियों के पास अपने रेवड़ के साथ। भेड़ें अभी ताजा ऊन निकाली लग रही थीं। हर एक बेतरतीब बुचेड़ी हुई। उन्होनेContinue reading “मिश्री पाल की भेड़ें”
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उमादास
गुरु द्वारा दिया नाम उमादास। गृहस्थ नाम ॐ प्रकाश शुक्ल। बांसगांव, देवरिया के रहने वाले। कृशकाय शरीर। पर्याप्त स्फूर्ति। साधू। उमादास नाम गुरु का दिया है। गुरु का नाम भी बताया उन्होने। बनारस के हैं गुरूजी। चाय की चट्टी पर अचानक दिखे। चट्टी वाले अरुण से मैने उनके बारे में पूछा – कौन हैं? “होंगेContinue reading “उमादास”
अविनाश सिरपुरकर : एक दण्ड-अधिवक्ता के पीछे का व्यक्तित्व
समाचारों में मैं क्रिमिनल लॉयर्स के बारे में बहुत पढ़ता-सुनता रहा हूं। पर पहले किसी क्रिमिनल लॉयर से सम्पर्क नहीं हुआ था। अत: एक कौतूहल तो था मन में कि ये व्यक्ति अपराध, छद्म, और मामलों को सदा एक्यूट एंगल से देखते देखते अपने सामान्य व्यक्तित्व, आदर्श और नैतिकता को किस स्तर का बनाये रखतेContinue reading “अविनाश सिरपुरकर : एक दण्ड-अधिवक्ता के पीछे का व्यक्तित्व”
