मैने पिछले महीने मिलीपीड्स या भुआलिन पर लिखा था। ये नम वातावरण के जीव हैं। बरसात में निकलते और ब्रीडिंग करते हैं। बरसात खत्म होते समय ये वापस नमी तलाशते मिट्टी में घुस जाते हैं। पिछले सप्ताह बरसात खत्म हो गई थी। आईएमडी ने भी मानसून वापसी की घोषणा कर दी थी। ये मिलीपीड्स हमारेContinue reading “मिलीपीड्स का मतिभ्रम”
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साण्डा – धान की खेती
किसानों ने मुझे बताया कि साण्डा की पैदावार का धान ज्यादा स्वस्थ होता है; चावल के दाने बड़े होते हौं और धान की कुटाई में चावल टूटता बहुत कम है। पर साण्डा वाली खेती मेहनत मांगती है।
कठिन है जीवन, पिछली बरसात के बाद
जहां महुआरी थी, वहां अब झील बन गयी है। वह पानी कहीं निकल नहीं सकता। गांव वालों में न तो सामुहिक काम कर जल का प्रवाह बनाने की इच्छा है और न साधन। सरकार का मुंह देख रहे हैं…
