द मिलियनेयर नेक्स्ट डोर – पास के गांव वाले सूर्यमणि तिवारी जी


इकहत्तर साल से अधिक उम्र के व्यवसायी, तथाकथित वानप्रस्थ की उम्र में, जिस प्रकार स्टेट ऑफ टेक्नॉलजी और मार्केट पर अपने विचार रख रहे थे, वह सुन कर अपने रिटायरमेन्ट पर मुझे संकोच होने लगा.

राजकुमार उपाध्याय


राजकुमार जी से आमने सामने का कोई परिचय नहीं था. फिर भी उनके दुनियाँ के उस छोर शिकागो से आए फोन और उनके भाई जी के आ कर मिलने में आत्मीयता भरपूर झलकी. मैं उनके घर हो कर आया.

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