कड़ाहे में बनता – गुड़ और चिनियहवाँ पेड़ा


गांव देस की मिठाई दुकान। मैं नहीं समझता कि बहुत आमदनी होगी चिनियहवाँ (ज्यादा चीनी वाला) पेड़ा और ब्रेड पकौड़ा से। पर सुरेंद्र और उस जैसे गांवदेहात वाले यहां रहने के आराम और रोजगार की जरूरत के बीच झूलते रहते हैं।

पांच सौ रोज कमाने का रोजगार मॉडल


अच्छी भली स्वस्थ काया। देखने में मेधा भी कुंद नहीं लगती। पर कुछ सार्थक उद्यम की बजाय मंदिर की “प्रेरणा” से भिखमंगत्व को अपना कर पिछले पांच छ साल से जीवन यापन कर रहा है।

विलायती बनाम देसी कुत्ता पालने के बारे में विचार


विलायती कुकुर में अर्थराइटिस और लीवर की बीमारी बहुत होती है। उनकी तुलना में भारतीय कुकुर भी 10-12 साल जीता है। भोजन ठीक मिले तो शायद विलायती से ज्यादा जिये। और स्वामिभक्ति के किस्से जितने गंवई कुकुरों के सुने हैं, उतने विलायती के नहीं।

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