सवेरे वे बच्चे गड़ही के पानी में गीला कर रहे हैं गठ्ठर। उसके बाद उनकी माँ यह ले कर बनारस जाएगी। गदौलिया में बाबा विश्वनाथ मंदिर के पास बेलपत्ता की सट्टी लगती है। वहां बेच कर वो वापस लौटती है।
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कटका (गांव) के लिये ब्रॉडबैण्ड की तलाश
मेरा विचार कटका/विक्रमपुर (जिला भदोही) को साल-छ महीने में सोशल मीडिया में कुछ वैसा ही प्रोजेक्ट करने का है, जैसा मैने शिवकुटी के गंगा कछार को किया था। ग्रामीण जीवन में बहुत कुछ तेजी से बदल रहा है। उस बदलाव/विकास को दर्ज करना और जो कुछ विलुप्त होता जा रहा है, उसका आर्काइव बनाना एकContinue reading “कटका (गांव) के लिये ब्रॉडबैण्ड की तलाश”
कैथी और कांवरिये
पिछले शनिवार वाराणसी से औंडिहार जाते हुये सब ओर कांवरिये दिख रहे थे। बनारस आते हुये – उनके कांधे पर डण्डी और उससे लटकी छोटी छोटी प्लास्टिक की लुटिया/कमण्डल में गंगा जल। डण्डी अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार सजाई हुयी – फूलों और आम की टेरियों से सजाने का युग अब समाप्त हो गया है। उनकेContinue reading “कैथी और कांवरिये”
