वैसे मैं ब्लॉग पर ट्रैफिक के आंकड़े देखता हूं तो पाता हूँ कि हिन्दी ब्लॉगिंग के स्वर्णिम (?) काल की बजाय आज उसपर आने वालों की संख्या दैनिक आधार पर तिगुनी है. लोग टिप्पणियाँ नहीं (या बहुत कम) कर रहे हैं, पर पढ़ने वाले पहले से ज्यादा हैं.
Category Archives: Memoir
द मिलियनेयर नेक्स्ट डोर – पास के गांव वाले सूर्यमणि तिवारी जी
इकहत्तर साल से अधिक उम्र के व्यवसायी, तथाकथित वानप्रस्थ की उम्र में, जिस प्रकार स्टेट ऑफ टेक्नॉलजी और मार्केट पर अपने विचार रख रहे थे, वह सुन कर अपने रिटायरमेन्ट पर मुझे संकोच होने लगा.
सूर्य मणि तिवारी जी का सूर्या ट्रॉमा सेंटर और अस्पताल – एक अवलोकन
अस्पताल से कमाना तो सूर्य मणि जी का मोटिव हो ही नहीं सकता. पूर्वांचल के इस इलाके में लोगों की वैसी पे करने की केपेसिटी ही नहीं है.
