आगे तीन बालक दिखे सड़क किनारे। ताल में मछली मारे थे। छोटी छोटी मछलियाँ। ताल का पानी एक छोटे भाग में सुखा कर पकड़ी थीं। आधा घण्टा का उपक्रम था उनका। अब वे आपस में पकड़ी गयी मछलियों का बंटवारा कर रहे थे।
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मॉपेड ने तिगुनी की इस्माइल की बिक्री
इस्माइल फेरीवाला ने मॉपेड खरीद ली है। बीस हजार का डाउन पेमेण्ट किया है, बाकी किश्त। करीब चौबीस सौ रुपया महीने की किश्त होगी। पहले साइकिल से चलता था तो आस पास के दस किलोमीटर का राउण्ड लगाता था। अब कछवाँ तक हो आता है। ज्यादा दूर तक जाने और नयी दुकानें कवर करने सेContinue reading “मॉपेड ने तिगुनी की इस्माइल की बिक्री”
शारदा परसाद बिंद – चकरी कूटने वाला
गरीब आदमी शारदा। शायद उसे आठ दस हजार का माइक्रो फाइनांस मिले तो वह उपयुक्त औजार खरीद कर अपनी आमदनी बढ़ा सके। पर कोई भी कर्ज किसी काम के लिये लिया जाये, किसी न किसी और मद में खर्च हो ही जाता है।
बहुत बसें रुकती हैं राघवेंद्र के भोलेनाथ फूड प्लाजा पर
राघवेंद्र ने व्यर्थ के सामान-सजावट में पैसा बर्बाद नहीं किया है। त्वरित सर्विस कर एक साथ दो तीन बसों के यात्रियों को संतुष्ट करने का जो सिस्टम बनाया है, वह आकर्षित करता है।
पार्वती मांझी
गांवदेहात की पार्वती न केवल खुद अपने पैरों पर खड़ी है, वरन अपने साथ 5-6 अन्य को भी रोजगार दिला रही है। क्या खूब बात है! हेलो प्रधानमंत्री जी; आर यू लिसनिंग!
ओम प्रकाश यादव वाचमैन
अब तनख्वाह के रूप में कुछ कम मिलता है। पर ट्रक वाले, भले ही खाना नहीं खाते ढाबे पर, रात में आराम के लिये आसपास रुकने लगे हैं। अधिकतर वे अपना खाना खुद बनाते हैं। पर उनके ट्रकों की देखभाल का काम करते हैं ओमप्रकाश।