गांव में नहर की बगल में नटों के घर हैं। उनकी औरतें ये कीड़े निकालती हैं। जिस ओर के दांत में दर्द हो, उस ओर के कान में दवा डालती हैं और कान की तरफ सिर झुकाने पर दांत के कीड़े कान से निकलते हैं। कीड़े निकलने के पांच दस मिनट बाद ही आराम हो जाता है।
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आत्मनिर्भरता का सिकुड़ता दायरा
अब हताशा ऐसी है कि लगता है आत्मनिर्भरता भारत के स्तर पर नहीं, राज्य या समाज के स्तर पर भी नहीं; विशुद्ध व्यक्तिगत स्तर पर होनी चाहिये। “सम्मानजनक रूप से जीना (या मरना)” के लिये अब व्यक्तिगत स्तर पर ही प्रयास करने चाहियें।
सूर्यमणि तिवारी – अकेलेपन पर विचार
फोन पर ही सूर्यमणि जी ने कहा था कि बहुत अकेलापन महसूस होता है। यह भी मुझे समझ नहीं आता था। अरबपति व्यक्ति, जो अपने एम्पायर के शीर्ष पर हो, जिसे कर्मचारी, व्यवसाय, समाज और कुटुम्ब के लोग घेरे रहते हों, वह अकेलापन कैसे महसूस कर सकता है?
